परमेश्वर के अतिरिक्त सिर झुकाना – बाइबल क्या कहती है?
*Pastor Manish Salhotra 🙏*
आज हम एक बहुत ही गंभीर और आवश्यक विषय पर ध्यान देंगे —जब एक मसीही, विशेष रूप से एक अगुवा, किसी अन्य “ईश्वर” के आगे सिर झुकाता है, तो यह सिर्फ एक परंपरा नहीं, बल्कि बाइबल के अनुसार एक बहुत बड़ा अपराध है। यह कार्य न केवल परमेश्वर के साथ विश्वासघात है, बल्कि कई विश्वासियों के लिए ठोकर का कारण भी बन सकता है।
*1. मूर्तिपूजा क्या है?*
निर्गमन 20:3-5
> “मेरे सिवाय तू किसी और को ईश्वर न मानना… उनके आगे दण्डवत न करना, और न उनकी उपासना करना।”
परमेश्वर का पहला और दूसरा आदेश ही हमें यह स्पष्ट रूप से बताता है कि वह किसी भी प्रकार की मूर्तिपूजा को स्वीकार नहीं करता।
*2. दूसरे के आगे सिर झुकाना = आत्मिक व्यभिचार*
यशायाह 42:8
> “मैं यहोवा हूँ, यही मेरा नाम है; मैं अपनी महिमा किसी दूसरे को न दूँगा।”
जब एक मसीही अगुवा किसी अन्य धर्म या देवता के आगे सिर झुकाता है, वह यह दर्शा रहा है कि वह परमेश्वर की महिमा को बाँट रहा है। यह आत्मिक व्यभिचार है।
*3. अगुवों की जिम्मेदारी और खतरा*
लूका 17:1-2
> “ठोकरें तो अवश्य आएंगी, परंतु धिक्कार है उस मनुष्य को जिसके द्वारा वे आती हैं।”
जब अगुवे गलत उदाहरण रखते हैं, तो वे कई लोगों को गिराने का कारण बनते हैं। यह सामान्य गलती नहीं, आत्मिक हत्या के समान है।
*4. परमेश्वर जलन रखने वाला परमेश्वर है*
निर्गमन 34:14
> “तू किसी और देवता को न पूजे, क्योंकि यहोवा का नाम जलन रखने वाला है।”
हमारा परमेश्वर प्रेम करता है, लेकिन जब उसके स्थान पर कोई और आता है, वह सहन नहीं करता। जैसे पति या पत्नी विश्वासघात सहन नहीं कर सकते, वैसे ही परमेश्वर आत्मिक व्यभिचार सहन नहीं करता।
*5. सच्चा उपासक कौन है?*
यूहन्ना 4:23-24
> “सच्चे भक्त आत्मा और सत्य से उपासना करते हैं।”
सिर झुकाना सिर्फ शरीर की क्रिया नहीं है, वह आत्मा की दिशा को दर्शाता है। इसलिए जब आप परमेश्वर के अलावा किसी और को सिर झुकाते हैं, तो आप अपनी आत्मा को परमेश्वर से दूर ले जाते हैं।
प्रिय मसीही भाई बहनों, आज के समय में बहुत से अगुवा प्रसिद्धि, संबंध या दबाव के कारण ऐसे काम कर रहे हैं जो परमेश्वर की इच्छा के विरुद्ध हैं। लेकिन बाइबल कहती है:
गलातियों 1:10
> “क्या मैं अब लोगों को मनाने की चेष्टा करता हूँ, या परमेश्वर को? यदि मैं अब भी लोगों को प्रसन्न करता तो मसीह का दास न होता।”
*जो अगुवा दूसरे “ईश्वर” के आगे सिर झुकाते हैं, वे मसीह के सच्चे सेवक नहीं रह जाते।*
इसलिए देखें:
*1. क्या आप किसी अन्य के आगे सिर झुका चुके हैं? आज ही पश्चाताप करें। अगर हो सके तो मसीहों के सामने पश्चाताप करें*
*2. क्या आप ऐसे अगुवों का अनुसरण कर रहे हैं? आज ही प्रभु से बुद्धि माँगें। अगर आपका पास्टर लगातार ऐसे ही है तो उसे छोड़ दे*
*3. क्या आप चुप हैं जब सच्चाई कुचली जाती है? आज आवाज उठाएँ, लेकिन प्रेम समझदारी और नम्रता में।*
परमेश्वर क्षमा करने वाला है अगर परमेश्वर क्षमा करते हैं तो हम भी क्षमा कर सकते हैं लेकिन यह तब ही होगा जब एक व्यक्ति जिसने यह अपराध किया है पश्चाताप करें और ढीठाई और अपना घमंड ना दिखाएं।
धन्यवाद प्रभु का सेवक
पास्टर मनीष सल्होत्रा 🙏🙏
Praise God Amen
ReplyDeleteGod Bless You