काम और नाम परमेश्वर का:- अन्त समय में एकता और सचेत विश्वास की पुकार

काम और नाम परमेश्वर का हमारा नहीं

*इफिसियों 5:16*
और अवसर को बहुमोल समझो, क्योंकि दिन बुरे हैं।
*इब्रानियों 10:25*
और एक दूसरे के साथ इकट्ठा होना ने छोड़ें, जैसे कि कितनों की रीति है, पर एक दूसरे को समझाते रहें; और ज्यों ज्यों उस दिन को निकट आते देखो, त्यों त्यों और भी अधिक यह किया करो॥
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हमने अक्सर कई बुजुर्गों से सुना होगा जो दिन और समय पहले थे, वह आज नहीं रहे।
लेकिन परमेश्वर ने हमें पहले से ही बुरे दिनों के बारे में आगाह किया है।
दुनियावी और नाश होने वाले लोगों को इन बातों से कोई फर्क नहीं पड़ता।
परंतु मसीही मजबूत विश्वासियों को इन बातों से बहुत ज्यादा फर्क पड़ता है।
परंतु आज दुनियावी लोगों में नहीं,  विश्वासियों में एक भयानक बात नजर आ रही है जिसका बहुत फर्क पड़ता है।


विश्वासी एक दूसरे के साथ मेलजोल रखने से कतराते हैं। एक दूसरे को समझाने और उत्साहित करने की बजाय एक दूसरों की गलतियों को और उनके कुछ बातों को बहुत ज्यादा उछालने का काम कर रहे हैं।
और जैसे-जैसे परमेश्वर का दिन निकट आ रहा है, मसीह लोगों के विचार आपस में मिल नहीं रहे।


हर कोई अपने ज्ञान और अपने आप को ऊंचा रखना चाहता है।
मैं यह शत-प्रतिशत विश्वास करता हूं कि शैतान मसीही विश्वासी लोगों का कुछ नहीं बिगाड़ सकता, परंतु वह विश्वासियों के दिमाग और दिलों के ऊपर कुछ तीर चलाता रहता है और उन तीनों का असर बहुत जल्दी विश्वासियों के ऊपर होने लग पड़ता है
शैतान मसीहों के विचारों में काम कर रहा है ताकि परमेश्वर के राज्य का काम ना बढ़े।


काम और नाम परमेश्वर का है हमारा नहीं
अगर यह बात हम समझ जाए तो शैतान की हार और परमेश्वर के राज्य का विस्तार प्रतिदिन निश्चित है।


अगर हम विश्वासी अंत के दिनों में शैतान के इस चाल को समझ जाते हैं तो मैं समझता हूं कि बाइबल में फिलिप्पियों 2 अध्याय लिखने का मकसद पूरा हो जाता है।
           धन्यवाद
Pastor Manish Salhotra

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