क्या पास्टर बनने के लिए डिग्री ज़रूरी है? –– बाइबल का दृष्टिकोण
क्या परमेश्वर की सेवा के लिए कोई डिग्री अनिवार्य है?
बाइबल के अनुसार, परमेश्वर की सेवा करने या पास्टर बनने के लिए बाइबल की कोई औपचारिक डिग्री (जैसे B.Th., B.D., D.Th.) अनिवार्य नहीं है। बाइबल में कहीं यह नहीं लिखा कि शिक्षा के किसी विशेष स्तर को प्राप्त किए बिना कोई व्यक्ति सेवकाई नहीं कर सकता। परमेश्वर हृदय की स्थिति, भक्ति, विश्वास, और प्रेरणा को अधिक महत्व देता है।
बाइबलिक आधार:
1. प्रेरितों का चुनाव (मत्ती 4:18-22; प्रेरितों 4:13):
यीशु ने अधिकतर प्रेरितों को चुना जो मछुआरे और आम लोग थे। प्रेरितों 4:13 में लिखा है कि वे "अनपढ़ और साधारण मनुष्य" थे, फिर भी परमेश्वर ने उन्हें शक्तिशाली रूप से प्रयोग किया।
2. पौलुस की शिक्षा (फिलिप्पियों 3:4-8):
पौलुस के पास उच्च धार्मिक शिक्षा थी, लेकिन उसने कहा कि वह उसे कचरा समझता है, ताकि वह मसीह को प्राप्त करे। यानी, शिक्षा उपयोगी है, पर सबसे महत्वपूर्ण चीज मसीह के प्रति समर्पण है।
3. तीमुथियुस और तीतुस को दी गई शिक्षाएँ (1 तीमुथियुस 3; तीतुस 1):
पास्टर या अगुवे के लिए पात्रता में चरित्र, व्यवहार, और सच्चे विश्वास को महत्व दिया गया है — जैसे कि संयम, सच्चाई में दृढ़ता, दूसरों को सिखाने की क्षमता, आदि। डिग्री का कोई उल्लेख नहीं है।
1 तीमुथियुस 3:1 – "यदि कोई अगुवा होने की इच्छा करता है, तो वह भले काम की इच्छा करता है।"
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आज के समय में कई लोग मानते हैं कि जब तक किसी के पास B.Th., M.Div. या D.Th. जैसी बाइबलिक डिग्री नहीं होती, तब तक वह परमेश्वर की सेवा नहीं कर सकता। लेकिन क्या वाकई बाइबल ऐसा कहती है? इस विषय में हम परमेश्वर के वचन में गहराई से देखेंगे।
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1… परमेश्वर सेवा के लिए बुलाता है – डिग्री नहीं देखता
यिर्मयाह 1:5 – "मैंने तुझे गर्भ में रचने से पहले जान लिया..."
मूसा – निर्गमन 4:10-12 (कमज़ोर वाणी वाला था)
यिर्मयाह – युवा और अनुभवहीन था
दाऊद – सबसे छोटा, पर परमेश्वर का मनभाया
प्रेरितगण – अनपढ़, फिर भी संसार को हिला दिया (प्रेरितों 4:13)
प्रेरितों 4:13 – "...ये अनपढ़ और साधारण मनुष्य हैं, फिर भी साहसी हैं।"
परमेश्वर ने मूसा, यिर्मयाह, दाऊद, और प्रेरितों जैसे लोगों को बुलाया, जिनके पास कोई औपचारिक धार्मिक डिग्री नहीं थी।
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2…. सेवा के लिए आवश्यक योग्यताएँ – चरित्र, विश्वास और आत्मिक परिपक्वता
1 तीमुथियुस 3:1-7 और तीतुस 1:5-9 में अगुवों की जो योग्यताएँ बताई गई हैं, वे इस प्रकार हैं:
इन वचनों में सेवा के लिए यह योग्यताएँ बताई गई हैं:
निर्दोष हो
एक पत्नी का पति हो
संयमी, विवेकी, आतिथ्यशील
शिक्षा देने में योग्य
झगड़ालू न हो
अपने घर को संभालने वाला हो
नया विश्वासी न हो
अच्छी गवाही रखने वाला हो
निर्दोष और संयमी
विवेकी और सिखाने में योग्य
शराबी या झगड़ालू नहीं
अपने घर को अच्छे से चलाने वाला
बाहर वालों के बीच अच्छी गवाही रखने वाला
इनमें कहीं भी किसी भी तरह की डिग्री का उल्लेख नहीं किया गया है।
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3…. डिग्री क्या है? क्या यह उपयोगी है?
डिग्री उपयोगी हो सकती है जब हमें वचन को गहराई से सीखना हो।
यह हमें झूठी शिक्षाओं और गलत व्याख्याओं से बचा सकती है।
लेकिन डिग्री सेवा के लिए अनिवार्य नहीं है। परमेश्वर का बुलावा ही प्राथमिक है।
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4... परमेश्वर का मापदंड और संसार का मापदंड अलग है।
1 शमूएल 16:7 – "यहोवा मन को देखता है।"
संसार कागज़ (डिग्री) देखता है, पर परमेश्वर समर्पण और हृदय की सच्चाई देखता है।
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5…. निष्कर्ष:
डिग्री: उपयोगी है, लेकिन अनिवार्य नहीं है। यह आत्मिक बुलावे की जगह नहीं ले सकती
कोई भी डिग्री पवित्र आत्मा की अगुवाई का स्थान नहीं ले सकती
यह चरित्र नहीं बना सकती
बुलावा: केवल परमेश्वर दे सकता है कोई डिग्री नहीं।
सेवा: आत्मिक बुलावे, पवित्र जीवन और आत्मा के फल से होती है।
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अंत में
हमें डिग्री से अधिक वचन की समझ और आत्मा की अगुवाई होनी चाहिए। अगर परमेश्वर ने अपनी सेवा के लिए चुना है, तो वह हमें तैयार करेगा, चाहे हमारे पास कोई डिग्री हो या न हो। परमेश्वर का बुलावा ही हमारी असली पहचान है। आमीन।
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धन्यवाद।
पास्टर मनीष सल्हौत्रा
Amen 🙏🏻🙏🏻🙏🏻
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